Skip to main content

Quran - The Audio Recitations

Bless yourself and surroundings with the soulful Recitation Voices of the Holy Quran

3736668544917597669

कुरआन 2:5 (सूरह अल-बक़रा, आयत 5) की विस्तृत व्याख्या

कुरआन 2:5 (सूरह अल-बक़रा, आयत 5) की विस्तृत व्याख्या

 أُو۟لَـٰٓئِكَ عَلَىٰ هُدًۭى مِّن رَّبِّهِمْ ۖ وَأُو۟لَـٰٓئِكَ هُمُ ٱلْمُفْلِحُونَ

(उलाइका अला हुदन मिर रब्बिहिम व उलाइका हुमुल मुफ्लिहून)

अर्थ: "यही लोग अपने रब की तरफ़ से मार्गदर्शन पर हैं और यही लोग सफलता पाने वाले हैं।"


1. आयत का संदर्भ एवं महत्व

  • यह आयत मुत्तक़ीन (ईश्वर-भय रखने वालों) के विवरण का समापन करती है जिसकी शुरुआत आयत 2:2 से हुई थी।

  • यह दो मौलिक सत्य प्रस्तुत करती है:

    1. मार्गदर्शन का स्रोत (अल्लाह से प्राप्त)

    2. सच्ची सफलता की परिभाषा (दुनिया और आख़िरत में)


2. शब्दार्थ एवं भाषिक विश्लेषण

(क) "उलाइका" (ये लोग)

  • संदर्भ: पिछली आयतों में वर्णित मुत्तक़ीन

  • विशेषताएँ:

    • ग़ैब पर ईमान (2:3)

    • नमाज़ क़ायम करना (2:3)

    • दान देना (2:3)

    • सभी आसमानी किताबों पर ईमान (2:4)

    • आख़िरत पर यक़ीन (2:4)

(ख) "अला हुदन मिर रब्बिहिम" (मार्गदर्शन पर)

  • हिदायत के प्रकार:

    1. तौफ़ीक़ी हिदायत: अल्लाह द्वारा दिल में डाला गया मार्गदर्शन

    2. इल्मी हिदायत: कुरआन और सुन्नत से प्राप्त ज्ञान

(ग) "अल-मुफ्लिहून" (सफलता पाने वाले)

  • फलाह (सफलता) के स्तर:

    1. दुनियावी सफलता: शांति और समृद्धि

    2. आख़िरत की सफलता: जन्नत की प्राप्ति


3. गहन व्याख्या एवं तफ़सीर

(क) मार्गदर्शन की प्रकृति

  1. अल्लाह की ओर से:

    • यह मानव-निर्मित विचारधारा नहीं

    • कुरआन में विस्तृत (जैसे सूरह अल-फातिहा में मार्गदर्शन की प्रार्थना)

  2. निरंतर प्रक्रिया:

    • एक बार प्राप्त करके भूल जाने वाली वस्तु नहीं

    • रोज़ाना अमल और दुआ से ताज़ा करना आवश्यक

(ख) सच्ची सफलता का स्वरूप

  • आधुनिक भ्रम बनाम इस्लामिक अवधारणा:

    दुनियावी सफलताइस्लामिक सफलता
    धन और प्रतिष्ठाअल्लाह की रज़ा
    अस्थायी सुखस्थायी जन्नत
    स्वार्थपूर्णसमाज कल्याण
  • पैग़म्बर (ﷺ) का उदाहरण: फ़क़ीरी में रहकर भी सबसे सफल

(ग) ऐतिहासिक उदाहरण

  1. हज़रत अबू बक्र (रज़ियल्लाहु अन्हु):

    • सारा धन इस्लाम के लिए दान

    • अल्लाह ने "अत-तौवाब" (तौबा स्वीकार करने वाला) की उपाधि दी

  2. बिलाल (रज़ियल्लाहु अन्हु):

    • यातनाएँ सहकर भी "अहदुन वाहिदुन" (अल्लाह एक है) का उद्घोष


4. व्यावहारिक अनुप्रयोग

(क) आधुनिक जीवन में कैसे लागू करें?

  1. मार्गदर्शन प्राप्त करने के तरीके:

    • रोज़ाना कुरआन पढ़ें (कम से कम 1 आयत + तफ़सीर)

    • दिन की शुरुआत "अस्टग़फिरुल्लाह" और दुआ से करें

  2. सफलता का मापदंड बदलें:

    • बच्चों को सिखाएँ कि "इम्तिहान में अच्छे नंबर ≠ असली सफलता"

    • जीवनसाथी चुनने में दीनदारी को प्राथमिकता दें

(ख) सामाजिक सुधार में भूमिका

  • शिक्षा प्रणाली:

    • इस्लामिक सफलता की अवधारणा को पाठ्यक्रम में शामिल करें

  • आर्थिक मॉडल:

    • सूद-मुक्त बैंकिंग को बढ़ावा

    • ज़कात फंड्स का पारदर्शी प्रबंधन

(ग) युवाओं के लिए विशेष मार्गदर्शन

  1. करियर चुनाव:

    • हलाल रोज़गार को प्राथमिकता

    • डॉक्टर/इंजीनियर बनने से पहले "अच्छा मुसलमान" बनने पर ध्यान

  2. सोशल मीडिया उपयोग:

    • दीन की जानकारी फैलाने का माध्यम बनाएँ

    • अश्लीलता और ग़िबत से बचें


5. विद्वानों के विचार

(क) इब्ने कसीर की तफ़सीर

  • "सच्ची सफलता वह है जो क़यामत के दिन काम आए।"

(ख) इमाम अल-ग़ज़ाली

  • "मार्गदर्शन प्राप्त करने वाला वास्तव में धनवान है, चाहे दुनिया में गरीब ही क्यों न हो।"

(ग) मौलाना मौदूदी

  • "इस्लामी सफलता व्यक्ति और समाज दोनों के लिए कल्याणकारी है।"


6. वर्तमान चुनौतियाँ एवं समाधान

(क) प्रमुख चुनौतियाँ

  1. भौतिकवादी सोच: सफलता को केवल धन से जोड़ना

  2. पश्चिमी प्रभाव: सेक्युलरिज़्म का बढ़ता प्रभाव

  3. युवाओं का भटकाव: सोशल मीडिया का नकारात्मक प्रभाव

(ख) समाधान के उपाय

  1. घरेलू शिक्षा:

    • बच्चों को रोज़ कुरआन की 1 आयत समझाएँ

  2. मस्जिद केंद्रित कार्यक्रम:

    • युवाओं के लिए करियर गाइडेंस (इस्लामिक परिप्रेक्ष्य में)

  3. सामुदायिक प्रयास:

    • हलाल नौकरियों का डेटाबेस तैयार करना


7. निष्कर्ष: जीवन का सच्चा लक्ष्य

  1. अल्लाह का मार्गदर्शन ही वास्तविक सम्पदा है

  2. सफलता का पैमाना कुरआन और सुन्नत के अनुसार

  3. समाज सुधार की शुरुआत स्वयं से करें

प्रार्थना:
"ऐ अल्लाह! हमें सच्चा मार्गदर्शन प्रदान कर और उन लोगों में शामिल कर जो सफलता प्राप्त करते हैं। आमीन!"